1978 संभल दंगे में तत्कालीन कलेक्टर की उदासीनता

संभल दंगा DM फरहत अली, जिसके पैरों में गिरकर रोए थे हिंदू कि बचा लो लेकिन जला दिए गए 180 हिंदू ।

  • संभल और कश्मीर की कहानी एक जैसी है । कश्मीर में जब लाखों हिंदुओं का 1989 और 1990 में पलायन हुआ तो देश के गृहमंत्री ,मुफ्ती मुहम्मद सईद (पूर्व मुख्यमंत्री और महबूबा मुफ्ती का पिता) और जब संभल में 1978 में संभल से हिंदुओं का भारी पलायन हुआ तो उस वक्त संभल के डीएम फरहत अली थे ।
  • 2 दिसम्बर 1989 को पहली बार भारत के गृहमंत्री, 10 नवंबर 1990 तक मुफ्ती मुहम्मद सईद गृहमंत्री रहे और बस 11 महीने के कार्यकाल में ही कश्मीर घाटी हिंदू विहीन हो गई ।

-इंडिया टीवी ने संभल के 1978 के दंगा पीड़ितों पर एक रिपोर्ट की थी और इसी रिपोर्ट में दंगों के चश्मदीद रहे हिंदू व्यापारियों ने बताया है कि वो दंगा रोकने के लिए कर्फ्यू की मांग लेकर उस वक्त संभल के डीएम रहे फरहत अली के पास गए थे, आतंकी भीड़ नर संहार कर रही थी, हिंदू व्यापारी फरहत अली के कदमों में गिरकर रोने लगे, गिड़गिड़ाने लगे, अपनी बहन बेटियों की इज्जत की भीख मांगने लगे । लेकिन फरहत अली ने ना तो फोर्स भेजी और ना ही कोई सुरक्षा दी । उल्टे हिंदू नेताओं को गिरफ्तार किया गया

जिसके बाद दरिंदों के हौसले बुलंद हो गए और वो सड़कों पर हिंदू महिलाओं का बलात्कार सरेआम करने लगे । हमास के आतंकियों की तरह ये दरिंदे भी हिंदूओ पर दरिंदगी दिखाने लगे । ये नंगानाच देखकर लाखों हिंदू जान बचाने के लिए संभल से मुरादाबाद और दूसरे जिलों में भाग निकले । और आज मुरादाबाद भी एक मुस्लिम बहुल जिला बन चुका है ।

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