5892 जाँच ईडी नें 10 साल मे की कोर्ट नें सिर्फ 15 को दी सजा

पैसे के हेरफेर यानी धनशोधन (पीएमएलए ) मामलो की जाँच के लिए चर्चित प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी ) के छापो व घोटालेबाजो का पसीना छूटना हो लेकिन मुकदमे के बाद सजा दिलाने में जांच एजेंसी का रेकॉड अच्छा नहीं है! पिछले साढ़े 10 साल ( जनवरी 2015 से जून 2025 तक ) देश में अदालतो पीएमएलए के केवल 8 मामलो में दोषसिद्ध ठहराकर केवल 15 लोगो को सजा सुनाई ! खुद केंद्र सरकार नें संसद में एक सवाल के जवाब मे यह जानकारी दी है ! ईडी ने इस अवधि मे 5892 मामलो की जांच की पर केवल 1398 मामलो में अभियोजन पक्ष की शिकायते दर्ज की गई है! अभियोजन शिकायत से आशय है कि जांच एजेंसी की और से की गई तहकीकात में से 1398 मामलो में ही केस दर्ज करने योग्य तथ्य मिले ! इनमे से अदालत मे पेश चालानो में से केवल 300 मामलो में आरोप तय किए गए, यानी कोर्ट ने मुकदमा चलाने योग्य साक्ष्य माने !

ईडी का गणित जांच मामले: 5892 अभियोजन योग्य : 1398 (24%) ( आरोप तय : 300 अभियोजन योग्य का 21.45% ) दोष सिद्दी : 8 ( आरोप तय का 3.36% )

भीतर ही नहीं बाहर भी विरोध देश के नागरिक संगठनो के साथ साथ यूरोपीय संघ और अंतराष्ट्रीय साझेदारो ने भी इस विधेयक पर तीखा एतराज जताया ! यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उसूर्ला वान डर लेयेन ने भ्रष्टाचार रोधी सस्थानों को संरक्षित रखने की अपील की! यूरोपीय यूनियन ने चेतावनी दी की यदि यह क़ानून वापस नहीं लिया गया , तो आर्थिक सहायता रोकी जा सकती है !

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