यह कैसा जल,यह कैसा जीवन,छुरीखाल जामन्या में ‘हर-घर-नल’ योजना फेल।


शासन की महत्वाकांक्षी मूलभूत योजना जैसे जल जीवन मिशन हर-घर-नल का गांव गांव विस्तार तो हो रहा है परंतु कुछ अभागे गांव ऐसे भी है जहां आज भी पेयजल समस्याएं चरम पर है।
ऐसा ही एक गांव है। जमुन्या ढाना जो खिरकिया विकासखंड की छुरीखाल पंचायत के अंतर्गत आता है।

लगभग 1200 मतदाताओं वाले इस गांव के निवासी अधिकांश आदिवासी एवं मजदूर वर्ग से आते हैं।

ग्रामीणों ने बताया लगभग 15 वर्ष पहले गांव में नल जल योजना के नाम पर लगभग 15 फीट ऊंचाई की एक छोटी सी टंकी का निर्माण कर पाइपलाइन विस्तार कार्य किया गया था जो कुछ ही समय चल पाई।

वर्तमान में पेयजल व्यवस्था के नाम पर गांव के बाहर एक ट्यूबवेल से पाइपलाइन द्वारा गांव में पानी लाया जा रहा है जिसमें कभी-कभी लाइट न होने की दशा में पानी भरने वालों की अच्छी खासी भीड़ जमा हो जाती है।
जिनमें कुछ महिलाओं कोअपने छोटे- छोटे दूधमुहें बच्चों को गोद में साथ लेकर घंटो पानी की लाइन में लगना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया की कभी तीन-तीन दिन लाइट ना आने की दशा में डेढ़ किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है या तीन दिन पुराना पानी पीना पड़ता है।

आए दिन पानी के लिए गांव में विवादास्पद स्थितियां निर्मित होती रहती है।

महिलाओं ने बताया कि सभी दूर गांव में घर-घर नल लग चुके हैं लेकिन हम 20 वर्षों से पेयजल के अभाव में जिल्लत की जिंदगी जीने को मजबूर है।

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