मध्यप्रदेश के हरदा विधानसभा सीट से कांग्रेस के डॉ. आरके दोगने और भाजपा के प्रत्याशी, राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल, के बीच एक रोमांचक मुकाबला चल रहा है। यह तीसरी बार है जब इन दोनों उम्मीदवारों की तक़रार हो रही है।
कमल पटेल ने पहले भी एक बार और डॉ. दोगने ने भी एक बार विधानसभा सीट जीती है। इसलिए, इस बार का चुनाव किसके हाथ में होगा, यह देखना बेहद रोचक होगा।
हरदा विधानसभा सीट को अक्सर बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन यहां के मतदाता कभी-कभी बड़ी तकनीकी बदलाव कर देते हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था। उस समय, कांग्रेस के नए चेहरे डॉ. आरके दोगने ने बीजेपी के दिग्गज और राज्य सरकार के मंत्री, कमल पटेल, को हराया और उनके दो दशक के वर्चस्व को खत्म किया था।
इस बड़े उलटफेर के बावजूद, डॉ. दोगने ने वह सफलता कायम नहीं रख पाई। 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन हरदा में डॉ. रामकिशोर दोगने ने बीजेपी के कमल पटेल के खिलाफ हार का सामना किया। अब, 2023 में, ये दोनों प्रत्याशी फिर से आमने सामने हैं।
क्या कहता है, सीट का इतिहास
इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व पिछले तीन दशकों से बना हुआ है। सन 1993 में, कमल पटेल ने इस सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और उसे जीत हासिल की..
उसके बाद से, वे आधे दर्जन चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें से एक बार हार भी गए।
- सन 2013 में, कांग्रेस के डॉ. रामकिशोर दोगने ने उन्हें हराया था।
- 2018 में भी, दोगने के साथ मुकाबला हुआ, लेकिन इस बार कांग्रेसी प्रत्याशी ने हार मानी।
फिर से जोरदार मुकाबला
डॉ. दोगने और कमल पटेल के बीच एक बार फिर जोरदार मुकाबला हो रहा है। सन 2013 में, डॉ. दोगने ने भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल को 4651 वोटों से हराया था।
2018 के विधानसभा चुनाव में, कमल पटेल ने डॉ. दोगने को 6600 वोटों से मात दी थी। इस प्रकार, एक बार डॉ. दोगने और एक बार कमल पटेल ने जीत हासिल की है।
अब दोनों ही तीसरी बार मुकाबले के लिए आमने-सामने हैं।
हरदा विधानसभा
कमल पटेल (भाजपा)
राजनीतिक करियर: 1993 में उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव का सामना किया। अब तक, उन्होंने छह बार विधानसभा चुनावों में भाग लिया है। वह तीन बार एमपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं और भाजयुमो के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं।
डॉ. रामकिशोर दोगने (कांग्रेस)
राजनीतिक करियर: 2013 में, उन्होंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता और मंत्री, कमल पटेल, को 4600 वोटों से हराया। 2018 में, उन्होंने कमल पटेल के खिलाफ 6600 वोटों से हार मानी। यह उनका तीसरा हरदा से चुनाव है।
वह अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के अध्यक्ष रहे हैं और 80 के दशक में बूथ अध्यक्ष भी रहे थे।