Harda: खनिज विभाग की मिलीभगत से हरदा जिले में बैखौफ हो रहा अवैध मुरुम, बजरी का उत्खनन

World Swaraj News Harda: जिले में खनिज विभाग की मिलीभगत से जगह-जगह बैखौफ अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यह उत्खनन विभाग से अनुमति की आड़ में चल रहा है। आवेदन में कम घन मीटर का उल्लेख करवाया जाता है और हजारों घन मीटर की अवैध जुदाई बेखौफ की जाती है। जिले में लंबे समय से प्रभारी के चलते यह खेल चल है।

आवंटित खदान का सीमांकन नहीं होता

जिले में खनिज विभाग केदार से सांठगांठ करके एक निश्चित लाशि पर परमिशन की आड़ में अवैध लत्खनन को प्रोत्साहन दे रहा है जबकि आवंटित भूमि पर नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी मौके पर जाकर सीमांकन करें उसके बाद वहां की पंचायत पर चस्पा करें कि इतने घन मीटर की परमिशन इस कार्य के लिए दी गई है लेकिन विभाग की मिलीभगत के चलते नियमों को दर किनार करते हुए परमिशन की आड़ में अवैध उत्खनन विभाग ही करवा रहा है।

जिले में समतलीकरण मुरुम क्रेशर तालाब की जांच होनी चाहिए

जिले में विगत तीन साल में खनिज विभाग ने तालाब समतलीकरण कार्य मुरुम मिट्टी क्रेशर खदान की परमिशन दी है अगर मौके पर देखा जाए तो सौ गुना अवैध उत्खनन खनिज विभाग ने एक निश्चित राशि लेकर स्वार्थ से करवाने में करसर नहीं छोड़ी है इतना ही नहीं हीरापुर, बागरुल कुंजर गांव सहित विभिन्न शासकीय जमीन पर अवैध उत्खनन का सौदा किया है।

टीम जांच करें तो सामने आए हकीकत

जिले में तीन साल में तालाब समतलीकरण, मुरुम केशर तथा सड़क कंपनी को विभित्र ग्रामों में दी गई परमिशन की टीम बनाकर जांच कराई जाए तो अवैध उत्खनन की सच्चाई सामने आ सकती है। इससे प्रशासन को हो रहे नुकसान को रोका जा सकता है।

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