सरकारी आवासों की मियाद खत्म BMO ने दिए खाली करने के आदेश, पूछा – जनहानि हुई तो जिम्मेदार कौन?

हंडिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हंडिया परिसर में बने पुराने सरकारी आवास अब खतरे का घर बन चुके हैं।इन मकानों की मियाद पूरी हो चुकी है, दीवारें जर्जर हैं, छतें टूट-टूटकर गिर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ कर्मचारी अब तक इन आवासों को खाली करने का नाम नहीं ले रहे।स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि अब यदि किसी दिन कोई हादसा या जनहानि होती है तो बड़ा सवाल उठता है — “इसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा?”

BMO हंडिया ने दिखाई सख्ती

मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) हंडिया ने 7 नवंबर 2025 को सख्त पत्र जारी करते हुए पाँच कर्मचारियों को सरकारी आवास तत्काल खाली करने के निर्देश दिए हैं।यह निर्देश इसलिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ये आवास शासन द्वारा पहले ही “अप्रयुक्त एवं जर्जर घोषित” किए जा चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने ये आवास कई साल पुराने और जर्जर स्थिति में हैं।अगर बारिश या किसी प्राकृतिक कारण से कोई दीवार या छत गिरती है, तो विभाग को भारी नुकसान और जनहानि का खतरा है।

ऐसे में स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है कि —> “अगर किसी दिन कोई बड़ा हादसा हो गया तो आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा — विभाग या कब्जा किए बैठे कर्मचारी?” जनता ने की सख्त कार्रवाई की मांगस्थानीय नागरिकों का कहना है कि शासन की संपत्ति पर निजी कब्जा और लापरवाही दोनों ही गंभीर अपराध हैं।

लोगों ने प्रशासन से माँग की है कि जल्द से जल्द इन आवासों को खाली कराकर जर्जर मकानों को तोड़ा जाए, ताकि भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके।

विभाग में बढ़ी हलचलBMO द्वारा भेजे गए इस पत्र के बाद पूरे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है।पूर्व में भी चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन अब विभागीय स्तर पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।

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