World Swaraj News: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का आज (15 मई 2204) सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences – AIIMS) में निधन हो गया है। पीटीआई के मुताबिक, सुबह 9.28 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली। वो पिछले कुछ दिन से ‘वेंटिलेटर’ पर थीं। उनका पिछले तीन महीने से एम्स में इलाज किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस (pneumonia along with sepsis) से भी पीड़ित थीं। उनका अंतिम संस्कार कल (16 मई) शाम 4 से 5 बजे के आसपास होगा। उनके निधन पर प्रदेश की राजनीति से जुड़े कई नेताओं ने शोक प्रकट किया।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया के कार्यालय से कहा गया है कि बड़े दुःख के साथ ये बताना चाहते हैं कि राजमाता साहब नहीं रहीं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता और ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में चल रहा था।
मध्य प्रदेश के सीएम ने जताया शोक
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने माधवी राजे के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की पूज्य माता जी श्रीमती माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का हृदय विदारक समाचार मिला। मां जीवन का आधार होती हैं। इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.।।ॐ शांति।।”
वहीं मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शोक प्रकट का है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूज्य माताजी श्रीमती माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और सिंधिया जी और परिवार को इस वज्रपात को सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!’
जानिए क्या होता है सेप्सिस
हेल्थ से जुड़े जानकारों के मुताबिक, सेप्सिस तब होता है, जब किसी संक्रमण को रोकने के लिए खून में छोड़े गए रसायन पूरे शरीर में सूजन पैदा कर दें। इससे कुछ अंगों को नुकसान पहुंचाने वाले कुछ बदलाव शुरू हो सकते हैं। ऐसे में अंग काम करना बंद कर देते हैं। इससे कभी-कभी मौत भी हो जाती है।