डॉ मोहन यादव जी की सीएम हेल्पलाइन से लोगों का उठा भरोसा…लगभग 2 माह से लंबित है शिकायत नहीं होता निराकरण

हंडिया। सुशासन की स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का वादा करते हुए एमपी की भाजपा सरकार ने 11 साल पहले जन शिकायतों का निराकरण करने के लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा शुरू की थी, लेकिन जिला स्तर पर अधिकारियों की अनदेखी की वजह से लोगों का इस सेवा से भरोसा उठने लगा है। आलम यह है कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों का निराकरण डेढ़- दे माह बाद भी नहीं हो रहा है, जबकि इनका निराकरण 7 दिन में हो जाना चाहिए।

हंडिया ग्राम में नाली की मरमत कराने के लिए 181 हेल्प लाइन नंबर पर शिकायत करे को लगभग 2 महीने बीत चुके हैं उसके बाद भी शिकायत का निराकरण नहीं किया गया।उसके बाद भी कलस्टर प्रभारी व कलस्टर उपयंत्री के प्रतिवेदन अनुसार शिकायत को 25 मीटर नाली निर्माण की मांग को बताया गया । जबकि शिकायत करता ने 25 मीटर नाली निर्माण की कोई शिकायत ही नहीं की है, उसके बाद भी शिकायत को मांग आधारित बता कर बंद करना बताया गया।

जिले में लंबित शिकायतें: जिलेभर में एल1, एल2, एल3 और एल4 की शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं, इनका निराकरण करवाने के लिए जिले के किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है। कई बार कलेक्टर द्वारा समय-सीमा में शिकायत का निराकरण करने के लिए कहा गया, लेकिन अधिकारियों ने कलेक्टर के आदेश को तवज्जो नहीं दी और मनमाने तरीके से कार्य करते रहे। ग्रामीण अंचलों को सीएम हेल्पलाइन से राहत मिली थी, लेकिन अब इस व्यवस्था से लोगों का विश्वास ही उठता जा रहा है।

कलेक्टर के आदेश को दिखाते हैं ठेंगा

कलेक्टर द्वारा टीएल और अन्य बैठकों के दौरान सभी विभागों के अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन अधिकारी भी बैठक रूम के बाहर आने के बाद कलेक्टर के उस निर्देश काे भूल जाते हैं। कलेक्टर द्वारा निर्देश देने के बाद शिकायतों के निराकरण होने की वजह वह और बढ़ती जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि जिले के अधिकारी कलेक्टर के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है और अपने मनमाने तरीके से कार्य करने में जुटे हुए हैं।

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