अभिषेक लोधी संवाददाता हंडिया
हंडिया। माघ मास की मौनी अमावस्या पर बुधवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु ने जीवनदायिनी मां नर्मदा में स्नान करने पहुंच रहे हैं। सुबह 5 बजे से ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। कड़ाके की ठंड में भी श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई।

आज महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान होने से भी नर्मदा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला जारी है। नर्मदा के घाटों पर हर-हर नर्मदे के जयकारे गूंज रहे हैं। लोग घाट पर कथा, पूजन-पाठ भी करवा रहे हैं।

इस साल माघ अमावस्या यानी मौनी अमावस्या 29 जनवरी को है. मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है. मौनी शब्द का अर्थ है मौन यानी चुप रहने से संबंधित है. इसे मौन रहने और आत्मचिंतन के लिए विशेष दिन माना जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि मौनी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान और दान धर्म आदि के कार्य करने से पापों का प्रायश्चित हो जाता है।
आइए मौनी अमावस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मौनी अमावस्या का महत्वहिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. इससे तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन नदी के घाट पर जाकर पितरों का तर्पण और दान करने से कुंडली के दोषों से मुक्ति पाई जाती है. इसके अलावा, इस दिन मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है. मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत का विशेष महत्व होता है. मौन व्रत का अर्थ खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में खो जाने से है.
क्यों खास है मौनी अमावस्या?
आध्यात्मिक शुद्धि: इस दिन मौन रहने से मानसिक शांति मिलती है और आत्मचिंतन करने का अवसर मिलता है.पवित्र स्नान: इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. खासकर प्रयागराज के संगम में स्नान का महत्व अधिक है।
दान और पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. अन्न, वस्त्र, धन, और जरूरतमंदों की सहायता करना पुण्यदायक माना जाता है।
ध्यान और योग: मौनी अमावस्या ध्यान, साधना और योग के लिए भी उत्तम समय है.मौनी अमावस्या पर होगा शाही स्नानमौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का तीसरा शाही भी होगा. इस दिन का शाही स्नान बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है. इस दिन कई सारे शुभ संयोग भी बनेंगे. इस दिन चंद्रमा, सूर्य और बुध मकर राशि में त्रिवेणी संयोग बनाएंगे. इन शुभ संयोगों के बीच जब साधक पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लेगा तो उसके सारे पाप नष्ट हो जाएंगे और आत्मा पवित्र हो जाएगी.