हरदा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में गुरूवार को डिप्टी डायरेक्टर आई टी सेल भोपाल एवं प्रभारी अधिकारी हरदा डॉ. अश्विन भागवत, सलाहकार भोपाल डॉ. विनिता मेवाड़े, सलाहकार शिशु स्वास्थ्य भोपाल श्री पवन दुबे ने हरदा जिले की शिशु मृत्यु एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान डॉ. भागवत ने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं एवं हाईरिस्क महिलाओं को प्रोटोकाल के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं मिलना चाहिए। इस हेतु प्रति माह 09 एवं 25 तारिख को प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान के तहत प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थाओं में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिन महिलाओं को आयरन सुकरोज एवं एफसीएम लगाया जा रहा है, उनकी एन्ट्री पोर्टल पर भी करना सुनिश्चित करें। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारी सतत निगरानी रखें।
उन्होने आगामी वर्ष 25-26 के लिए बनाये जा रहे जिले की पीआईपी बनाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होने कहा कि प्लान को गतिविधि के अनुसार बनाएं एवं उसी के आधार पर मांग रखें, जितना कार्य कर सकते है उतना प्लान करें ताकी उसका उपयोग सही तरीके से कर सके।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिंह ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी गर्भवती महिलाओं कि अपने क्षेत्र के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से संपर्क कर ईकेवायसी का कार्य पूर्ण करावे ताकी सभी हितग्राहियों का भुगतान हो सके।
साथ ही अपनी स्वास्थ्य संस्थाओं मे हो रही डिलेवरी अपडेट करें एवं कार्य आधारित प्रोत्साहन योजना का सत्यापन करने के उपरान्त ही भुगतान किया जावे। शिशु मृत्यु की समीक्षा के दौरान डॉ. विनिता मेवाडे, श्री पवन दुबे ने कहा कि पोर्टल पर डुप्लिकेट एन्ट्री न करें यदि डुप्लिकेट एन्ट्री हो गई हो तो उसे डिलिट करावें।
उन्होने कहा कि जिले में जितनी भी शिशु मृत्यु हो रही है, उन सभी का वर्बल अटोप्सी चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें। वर्बल अटोप्सी में शिशु की मृत्यु का सही कारण लिखना अनिवार्य है। उन्होने विकास खण्ड के अनुसार शिशु मृत्यु की गहराई से समीक्षा की।
इस अवसर पर सभी विकासखण्ड के बीएमओ, कार्यक्रम नोडल अधिकारी, बीपीएम, बीसीएम एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
