*भोपाल–*विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। पत्रिका ने इस 5 दिन सत्र की पूरी बैठक पर नजर रखी। विधायकों द्वारा पूछे सवाल और सरकार द्वारा दिए गए जवाबों पर नजर रखी, उनका विश्लेषण किया तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई।
*कुछ मुद्दों पर ही हुई चर्चा*
पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के लिए विधायकों ने 1766 सवाल पूछे थे इनमें से मात्र 40 सवालों के जवाब ही प्रश्न काल में चर्चा के लिए आ सके हालांकि नियम के तहत 1 घंटे के प्रश्न काल में 25 सवाल लिए जाते हैं। लेकिन इन पांच दिनों में एक भी 25 सवाल नहीं पूछे जा सके। सत्र के पहले दिन सिर्फ 2 सवालों पर ही चर्चा हुई, अन्य 2 दिनों में यह आंकड़ा 10 सवालों के आसपास ही रहा।
शासकीय नीति विवि या कॉलेज में फीस का निर्धारण व मान्यता, अनुदान एवं जनभागीदारी से हुए कार्य, अतिशेष–अतिथि शिक्षक, वेतन वृद्धि–पदोन्नति, मानदेय भुगतान पेंशन गणना में सुधार।
किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए किया प्रयास, फसल बीमा क्लेम, भोपाल की करोंद मंडी में हथियारबंद बदमाशों द्वारा व्यापारियों से अवैध वसूली।
दवाई एवं मशीन खरीदी की जानकारी, चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति, चिकित्सकों को वेतन नहीं दिया जाना, इंदौर में लगातार बढ़ रहे कैंसर मरीजों की स्थिति।
जोमैटो ब्वॉय का पुलिस थानों में रजिस्ट्रेशन, कर्मचारियों को एनपीएस राशि का भुगतान, थानों में प्रतिस्थापन अन्य।
*भ्रष्टाचार घोटाले पर किए गए कुछ तेज सवाल*
विभिन्न विभागों में हुए घोटाले, भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं से जुड़े सवाल भी विधायकों ने पूछे, लेकिन ज्यादातर के सवालों के जवाब नहीं मिले। इनमें आईएएस, आईपीएस एवं आईएफएस अफसरो के खिलाफ जांच एजेंसी मैं दर्ज प्रकरण, लंबित जांच से जुड़े सवाल भी पूछे लेकिन उनके जवाब में यही कहा गया की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। इसी तरह नर्सिंग घोटाला, नर्सिंग कॉलेज की मान्यता, रजिस्टर्ड नर्सेज काउंसिल के विरुद्ध शिकायत की जांच, अवैध रेत उत्खनन आवास आवंटन में अनियमितता, अनुकंपा नियुक्तियां का निराकरण, सहकारिता विभाग में घोटाले की जांच प्रमुख है।