शिक्षा का मंदिर बना खंडहर जिम्मेदार मोन क्यों

हरदा जिले के टिमरनी विकासखंड के वनग्रामो मे स्कूलों की हालत ऐसी हैं कि बच्चों के सर के ऊपर छत होने के बावजूद भी बारिश जैसा महसूस करना पड़ता है ! 1 ग्रामों की स्कूलों के छतों की हालत ऐसी हो गई है कि कभी भी छत टूट सकती है!

ग्राम उसकलन में स्कूलों की छत की हालत बहुत ही खराब है ! वह छत कभी भी गिर सकती है ! यहां पर स्कूल में दो कमरे हैं,और दोनों ही कमरे के छत क्षतिग्रस्त हो चुके हैं !दोनों छतो से पानी नीचे टपकता है ! जिससे बच्चों को और टीचरों को पढ़ने पढ़ाने में दिक्कत जाती है !

एक कमरे की हालत तो इतनी खराब है कि यहां पर छत पूरी तरह से पानी टपकता है! जिससे नीचे का फर्श गिला बना रहता है !वह छत कभी भी गिर सकती है! इसलिए बच्चों को दूसरे कमरे में बिठाया जाता है!उस कमरे की हालत भी ठीक वैसे ही है!

क्योंकि उस छत से भी पानी गिरता है ! और कभी भी गिर सकता है ! यही हालत वनग्राम के अन्य ग्रामों की भी है! यहां पर भी टीचरों के द्वारा स्कूलों के ऊपर तिरपाल बिछाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है!आज भी ग्राम के स्कूल के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं!

ग्राम लोधी ढाना में भी स्कूल की यही हालत है! यहां पर एक क्षतिग्रस्त स्कूल है जहां पर स्कूल नहीं लगती !वहां पर बच्चे प्रतिदिन खेलने जाते हैं ¡ स्कूल टीचर का कहना है कि यदि इसे समय से तोड़ा नहीं गया, तो कभी भी अनहोनी हो सकती है ¡ और यहां पर संचालित स्कूल भी खराब स्थिति में है ¡

स्कूल टीचर के द्वारा पता लगा कि जब छत से पानी टपकता है! तो स्कूलों के हर कमरे में पानी भरा जाता है! पानी भर जाने के बाद उसे साफ करके बच्चों को बिठाया जाता है! इन बच्चों और टीचरों के साथ कभी भी किसी भी समय अनहोनी हो सकती है!

वन ग्रामो में स्कूल शिक्षको का कहना है की सरकार के द्वारा ई अटेंडेंस नियम लागू किया गया है ! परन्तु वनग्रामो में नेटवर्क ना होने के कारण वह अटेंडेंस नहीं लगा पाते हैं! जिसका कामयाजा उन्हें कई बार भुगतना पड़ा है ! उन्हें उनका सही वेतन नही मिल पाता है!

डीपीसी का कहना है हमने जांच करके रिपोर्ट विभाग को भेज दी है! ताकि स्कूल की रिपेरिंग या डिस्मेंटल की कार्रवाई की जा सके !

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