सर्फ प्रशाशन के लोग ही खेलना नही जानते ! विधायक भी खेल सकते है !

लेखक – पत्रकार रामविलास कैरवाल हरदा

हरदा।
जिले में वरिष्ठ अधिकारियों को लग रहा था कि हम नेतागिरी से खेल सकते हैं ! लेकिन इस बार विधायक, प्रशासन से खेलते नजर आ रहे हैं। जवाब, प्रशासन को तुरंत मिला है । इसलिए यह भ्रमपाल लेना की पढ़ी-लिखी कौम ही ज्यादा चतुर होती है ऐसा नहीं है ?

  • अब देखिए ना, हरदा विधायक रामकिशोर दोगने ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरदा में ड्रग्स का अवैध कारोबार, जुआ सट्टे का अवैध कारोबार और अवैध शराब के बढ़ते कारोबार को लेकर सवाल उठा दिया।
    जैसे ही विधायक ने मध्य प्रदेश की विधानसभा में ड्रग्स, अवैध शराब, जुआ-सट्टा, को लेकर सवाल उठाया ! और कहा कि हरदा में यह है अवैध कारोबार बढ़ता जा रहा है।
    लोगों का जीना कठिन हो गया है ।
    तब पुलिस के सारे किए धरे पर पानी फिर गया ।
  • पुलिस के कार्यों पर ही क्यों, कलेक्टर आदित्य सिंह कि निगरानी पर भी सवाल उठे है !
    जाहिर सी बात है कि जब ड्रग्स, अवैध जुआ सट्टा और अवैध शराब बिकेगी, तब कहीं ना कहीं प्रशासन की मिलीभगत मानी जाती है ।
    यानी कि कलेक्टर और एसपी की छवि विधानसभा में भी इस अवैध कारोबार को चलाने वालों के रूप में पहुंच गई है।
  • प्रदेश की विधानसभा में बैठने वाले नेता प्रतिपक्ष, जनप्रतिनिधि और सत्ता पक्ष के विधायकों के दिमाग में जहां इन दोनों अधिकारियों की छवि जिस तरह से अंकित हुई होगी, वही मध्य प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जो विधानसभा में बैठते हैं उनके दिलों दिमाग तक भी यह बात पहुंची है।
  • हालांकि विधानसभा के वरिष्ठ अधिकारी यह बात भी जानते हैं कि यह अवैध कारोबार कहीं भी रुकते नहीं है । हर जगह चलते हैं। और यही बात सरकार के लोग भी जानते हैं, लेकिन क्षेत्रीय विधायक इन मुद्दों को विधानसभा में नहीं ले जाते।
    और अगर क्षेत्रीय विधायक इन मुद्दों को विधानसभा में ले गए हैं इसका मतलब है कि जिले का मौजूदा प्रशासन कलेक्टर और एसपी व्यवस्था को व्यवस्थित रखने में फेल होते जा रहे हैं।
    मतलब हरदा में चल क्या रहा है ?
  • इसलिए अब यह जानना जरूरी है कि
    विधायक रामकिशोर दोगने को इन मुद्दों तक क्यों जाना पड़ा ?
    मुझे किसी ने बताया नहीं है लेकिन जो मुझे जानकारी है उसके अनुसार आनंद जाट की शिकायत कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने ,विधायक ने ,कलेक्टर और एसपी को की थी, जिसको लगभग दो महीने होने को है ।
    शिकायत में कहा था कि आनंद जाट नाम व्यक्ति विधायक के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहा है ।
    अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कर रहा है।
    संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाए और यही शिकायत कलेक्टर तक भी पहुंची लेकिन शिकायत पहुंचने के बाद प्रशासन ने विधायक जैसे जनप्रतिनिधि की शिकायत को लालफिताशाही का शिकार बना दिया।
    शिकायत पर जांच बैठा दी, और समय गुजारने लगे।
    एक चुने हुए विधायक की व्यक्तिगत शिकायत पर कुछ ना करना, इसे क्या कहा जाए !
    यही””’ कि प्रशासन मजे लेने के मूड में है।
    जब अधिकारियों को लगने लगा कि आनंद जाट, विधायक जैसे व्यक्ति के विरुद्ध अपशब्द लिख रहा है तो हम तुरंत एक्शन में क्यों आए ? अच्छा है ।अपन चुपचाप रहो !
    और खूब खेलो …..
    इसलिए शिकायत पर आज तक कोई एक्शन नहीं हुआ।

बल्कि मैं तो पिछले दिनों यह देख रहा था कि कलेक्टर के साथ आनंद जाट की फोटो भी वायरल हो रही थी ।

  • इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं लेकिन विधायक की शिकायत में लेटलतीफी करना और आनंद जाट के साथ फोटो खिंचवाकर वायरल करना इस बात को दर्शा रहा था कि कलेक्टर और एसपी आनंद जाट के माध्यम से विधायक से खेलना चाहते थे।
  • आनंद जाट के माध्यम से अन्य नेताओं के साथ भी खेलना चाहते थे।
    यह बात किसी को समझ में नहीं आई क्या ? बिल्कुल आ गई ।
  • कलेक्टर एसपी के दिमाग में था कि आनंद जाट जैसा व्यक्ति अगर इन लोगों को परेशान करता है तो इनका ध्यान अपनी तरफ नहीं जाएगा, लेकिन हुआ क्या ?
  • आज के समय में समझदार सब है । निश्चित ही विधायक को जब लगने लगा कलेक्टर और एसपी खेलने के मूड में है तब उन्होंने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया।
  • जुआ सट्टा ड्रग्स अवैध शराब जैसे अवैध कारोबार जिस भी जिले में चलेंगे और विधायक उस बात को विधानसभा में उठाएंगे तो यह माना जाएगा कि इस गंदे कारोबार के माध्यम से प्रशासन के लोग पैसा कमा रहे हैं ।
  • यह बात सिर्फ हरदा तक नहीं है बल्कि हरदा जिला, मध्य प्रदेश की विधानसभा तक पहुंच चुका है ।
    विधायक के द्वारा की गई शिकायत से अभी तक अधिकारी खेलना चाह रहे थे लेकिन विधायक ने अब अधिकारियों से खेलना शुरू कर दिया है ।
  • एक घटना और मुझे याद आ रही है यही रामकिशोर दोगने 2013 के विधानसभा चुनाव में विधायक बन चुके थे ।इसके बाद जिला योजना समिति की बैठक कलेक्ट्रेट में चल रही थी । कलेक्टर श्रीकांत बनोठ थे।
  • जब उनकी कलेक्टर और एसपी से पटरी नहीं बैठी, तब वे मुखर हो गए। उन्होंने प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में जिला योजना समिति की बैठक में सीधा-सीधा आरोप लगा दिया था कि हरदा में अवैध खनन नर्मदा का कलेक्टर और एसपी के संरक्षण में चल रहा है। कलेक्टर और एसपी खुल्लम-खुल्ला पैसा ले रहे है। इसलिए नर्मदा जी में अवैध खनन चल रहा है।
    मुद्दा सही था लेकिन इस मुद्दे पर विधायक बोल गए, यह बड़ी बात थी।
    तब किसी ने भी विधायक का क्या कर लिया था ! कुछ भी नहीं ????

अब…. प्रशासन और विधायक के बीच में खेल शुरू हुआ है । देखते जाइए आगे क्या-क्या होता है……

रामविलास कैरवार
पत्रकार,हरदा

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