टिमरनी नगर परिषद के भ्रष्टाचार की शिकायत अपर आयुक्त से कर राशि बसूली एवं विभागीय एफआईआर दर्ज कराने की मांग

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नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के अपर आयुक्त को की परिषद के भ्रष्टाचार की शिकायत हरदा। नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल के अपर आयुक्त अक्षय कुमार तेनवाल से पत्रकार उत्तम गिरी द्वारा मुलाकात कर टिमरनी नगर परिषद के अध्यक्ष देवेन्द्र भारद्वाज तथा तत्कालीन सीएमओं एवं वर्तमान सीएमओं तथा कर्मचारीयों की मिली भगत से किए गए लाखों के भारी भ्रष्टाचार ओर विभागीय अनियमित्ताओं तथा छोटे पद के कर्मचारीयों को अध्यक्ष द्वारा अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए मनमर्जी के पद प्रभार सौपे जाने व 25 से अधिक कर्मचारीयों की फर्जी नियुक्ति किए जाने को लेकर शिकायत की गई।

शीघ्र किए गए भारी भ्रष्टाचार की बसूली तत्काल कराई जाने एवं दोषियों पर विभागीय एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई। अपर आयुक्त ने शीघ्र ही निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाहीं करने ओर आरोप सिद्ध होने पर | उक्त राशि की बसूली कर विभागीय एफआईआर दर्ज कराने का आश्वासन दिया है।

अध्यक्ष ने पूर्व में किया था 3.62 लाख का भ्रष्टाचारनगर परिषद के अध्यक्ष देवेन्द्र भारद्वाज द्वारा पूर्व में भी वर्ष 2001 से 2005 तक नगर परिषद अध्यक्ष रहें थे जिनके कार्यकाल के समय में भी लाखों का भ्रष्टाचार किया गया था जिसमें प्रशासन की जांच में 3 लाख 62 हजार 192 रूपयें का भारी भ्रष्टाचार सिद्ध हुआ जिस पर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा प्रकरण क्रमांक 4-04/2011/18-3 दर्ज किया

तब जाकर तत्कालीन प्रमुख सचिव द्वारा 3 दिनांक 05/06/2011 को एक आदेश पारित कर देवेन्द्र भारद्वाज भारद्वाज को नगर पंचायत टिमरनी के अध्यक्ष पद के पदी कर्तव्यों के पालन में लापरवाहीं बरतने का अधिनियम के प्रावधानों के विपरित कार्य करने का दोषि पाया जाकर उन्हें भविष्य में निकाय पदाधिकारी के रूप में पदासीन होना निकाय के हित में नहीं होने तथा देवेन्द्र भारद्वाज पर 3.62.192/- रूपयें की निकाय को हुई क्षति को बसूल करने का आदेश दिया गया था।

आदेश दिनांक से 2 वर्षों के लिए निर्वाचन से अयोग्य घोषित किया गया था। किन्तु आज दिनांक तक देवेन्द्र भारद्वाज से यह राशि की बसूली नहीं की गई ओर पुनः नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर पदस्थ हो गए। देवन्द्र भारद्वाज द्वारा शासन प्रशासन दोनो को ही गुमराह कर लाखों का चूना लगाया है।

जीआई पाईप में 21 लाख की रिकवरी के हुए आदेशनगर के इतवारा बाजार चौक से गांधी चौक होते हुए शंकर मंदिर तक पानी की पाईप लाईन बिछाने के लिए 80 एम.एम के 6 मीटर लंबे 293 नग जीआई पाईप खातेगांव की एक फर्म से खरीदी 39 लाख रूपयें में खरीदे थे जबकि उक्त पाईप के बाजार मुल्य कीमत 3 से 4 हजार रूपये प्रति पाईप है जिन्हें नगर परिषद ने 13 हजार रूपये प्रति पाईप की दर से खरीद कर लाखों का भ्रष्टाचार किया था जिसकी जांच में 21 लाख रूपये की रिकवरी के आदेश नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए किन्तु अभी तक उक्त राशि की बसूली नहीं की गई ओर न हीं कोई दंण्डात्म कार्रवाहीं की गई हैं।10 लाख की सामग्री को 18 लाख में खरीदीपरिषद के माध्यम से 18 लाख की लागत से एक मठपप ओर एक टेक्टर खरीदा है जिसकी बाजार मूल्य माव टेक्टर की कीमत 6.70 लाख रूपयें ओर मठपंप की कीमत लगभग 3 लाख 36 हजार रूपये है लेकिन नगर परिषद के अध्यक्ष द्वारा लेखापाल तथा सीएमओं से साठगांठ कर टेक्टर एवं मठपप दोनो ही 10 लाख से भी कम कीमत की सामग्री को 18 लाख 98 हजार में खरीदकर लगभग 8 लाख रूपये का भारी भ्रष्टाचार किया है।25 से अधिक फर्जी कर्मचारीयों की नियुक्तिनगर परिषद में 25 से अधिक कर्मचारीयों की फर्जी नियुक्ति की गई परिषद के पास किसी भी प्रकार के कोई दस्तावेज जैसे आधार, वोटर कार्ड, ड्रायविंग लायसेस, पेनकार्ड, अंकसूची पासपोर्ट फोटो आदि किसी मी प्रकार से पहचान या परिचय पत्र आदि तथा नगर परिषद में हई नियुक्ति संबंधी जैसे निविदा, ईतहार, वैकेसी एवं नियुक्ति पत्र आदि का मी कोई रिकार्ड नहीं है नगर परिषद द्वारा प्रत्येक व्यक्ति से 50 हजार से 1 लाख रूपये तक लेकर फर्जी नियुक्ति कर मस्ट्रोल के माध्यम से प्रतिमाह का मानदेय के नाम पर फर्जी रूप से प्रत्येक फर्जी नियुक्त हुए कर्मचारीयों के नाम से प्रति कर्मचारी 10 से 12 हजार रूपये के हिसाब से प्रति माह लगभग 3 लाख 50 हजार से अधिक का भारी घोटाला भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इन सभी बिंदुओं सहित अन्य शिकायत की गई है।फोटों नगरीय प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त को शिकायत करते

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