सिंगापुर से सीखेगा और सिखाएगा बघवाड़ प्राथमिक स्कूल

  • हरदा जिले से एकमात्र विद्यालय का चयन , 100℅ है परीक्षा परिणाम प्राथमिक बोर्ड परीक्षा : ब्लॉक की टॉप – 10 सूची में 06 बच्चे बघवाड़ के
  • शिक्षक श्री कोमल चन्द ने लिया है देहदान का निर्णय

– 1953 में हुई थी प्रभात फेरी की शुरुआत, आज तक है जारी

– ( बघवाड़ से लौटकर)

टिमरनी । कैसे कच्ची मिट्टी को गढ़ा जाता है? कैसे अबोध बच्चे को जिम्मेदार नागरिक बनाया जाता है? कैसे संभावनाओं का पोषण किया जाता है ? कैसी होती है निस्वार्थ सेवा ? कैसे पूत के पांव पालने में दिखते हैं?
अगर , आप इन सब सवालों के जबाव चाहते हैं,

तो ग्राम बघवाड़ के प्राथमिक स्कूल चले जाइए। अपनी आँखों से देखिए। कानों से सुनिए।

देखे वीडियो कैसे बच्चे अरबों के गणित करते है

अरबों- खबरों की संख्या पढ़ते और 59 का पहाड़ा सुनाता पहली का विद्यार्थी मिल जाएगा। स्कूल का रिकार्ड खंगालिए। ऐसा करते समय प्रधान पाठक की टेबल पर रखा एक पासपोर्ट मिलेगा। यह सिंगापुर का है।

चौंकिएगा नहीं, कयास मत लगाइए। यह पासपोर्ट किसी निजी कंपनी के उत्पाद की रिकार्ड बिक्री के एवज में नहीं मिला है। बल्कि, उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के बदले मिला है। ध्यान से देखिएगा, उस पर श्री रामभरोस दमाड़े अंकित है। उनका फोटो भी चस्पा है। श्री दमाड़े प्रधान पाठक हैं।


राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षक श्री कोमलचन्द अगरवाल बताते हैं, राज्य शिक्षा केंद्र के ” स्टार्स प्रोजेक्ट ” के तहत हरदा जिले से एकमात्र प्राथमिक शाला बघवाड का सिंगापुर के लिए चयन हुआ है। बघवाड में शिक्षा क्षेत्र में जो प्रयोग हुए हैं, उन्हें वहाँ बताना है और वहाँ जो बेहतर हो रहा है,

बच्चे प्लास्टिक को बंधक भी बनाते हैं

स्कूल का परीक्षाफल – 100 प्रतिशत है। इस सत्र की दर्ज संख्या -147 है। सत्र 2024 में संस्था से नवोदय में चयनित विद्यार्थी -07 हैं। प्राथमिक बोर्ड परीक्षा में ब्लॉक स्तरीय टॉप -10 विद्यार्थियों में से 06 विद्यार्थी प्राथमिक शाला बघवाड़ से हैं। अभी तक स्कूल से नवोदय में चयनित विद्यार्थियों की संख्या – 103 है। इसमें हर वर्ष इजाफा होता है।


श्री कोमलचंद इस उपलब्धि का श्रेय, ” मेरा स्कूल, मेरा तीर्थ ” ध्येय को लेकर जीने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक श्री राजेंद्र उपाध्याय को देते हैं। वे कहते हैं श्री उपाध्याय ही हमारे मार्गदर्शक हैं।

विद्यार्थी प्रतिदिन योग भी करते है ।

श्री उपाध्याय कहते हैं, स्कूल के उत्कृष्ट परिणाम के पीछे समूचा गाँव और स्कूल स्टॉफ की जी तोड़ मेहनत और गहरी लगन है। इस स्कूल से निकले बच्चे आज थल सेना, वायु सेना, संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से एईएस ( अखिल भारतीय इंजीनियरिंग सेवा) में हैं।
दो घण्टे की प्रार्थना सभा


नवोदय विद्यालय में 103 विद्यार्थी चयनित हैं। उन्हें लम्बे समय से नि: शुल्क कोचिंग शिक्षक कोमल चन्द अगरवाल देते हैं। प्रतिदिन अतिरिक्त कक्षा भी लेते हैं। उनका निर्णय है जीते जी बच्चों को सिखाऊंगा, मरने के बाद मेरे शरीर से बच्चे सीखेंगे। यानी देह दान करेंगे।

वे सुबह दो घण्टे प्रार्थना सभा लेते हैं। इसमें आने वाले विद्यार्थी अपने घरों से पॉलीथीन लेकर आते हैं। जिन्हें यहाँ बंधक ( धागे में पिरोना) बना दिया जाता है। फिर उसे सीमेंट सड़क या सीमेंट से हो रहे निर्माण के नीचे दबा दिया जाता है। मोटी पॉलीथीन थैली को गमले का स्वरूप दे दिया जाता है।बच्चे उसमें पौधा रोपण करते हैं।


बच्चे लिखते हैं डेली डायरी
बच्चे घर से डेली डायरी लिख कर लाते हैं। डेली डायरी के विषय देख कर, उनके विचार सुनकर शिक्षक भी हैरान रह जाते हैं। पहली क्लास का विद्यार्थी लक्ष्य को 39 तक के पहाड़े मुँह जवानी याद हैं। लक्ष्य के माता पिता मजदूरी करते हैं। गरीब हैं।

विशेष निर्माण भी करते है

बालक नोमान नसरीन मुस्त्किन ख़ान अरबों- खरबों की संख्या को एक नजर देख कर पढ़ देता है। छात्रा प्रीति जमीन पर खाने खींच कर इमली के चिएं ( बीज ) और पत्थर से गणित के भिन्न जैसे सवालों को हल करती हैं ( देखें वीडियो) । बच्चे चित्रकारी भी करते हैं। पेंसिल,पेन और ब्रश से बने महापुरुषों के खूबसूरत चित्रों को कक्षा की दीवारों पर देखा जा सकता है।

उनकी आकर्षक कलरिंग भी मन को लुभाती है। स्कूल की प्रार्थना सभा संगीतमय होती है, जिसमें गाँव के समयदानी सहयोगी पार्षद श्री हरिओम पाटिल , श्री गोविंद जी पूरे मन से शामिल होते हैं। हारमोनियम के स्वर और ढोलक की थाप, देखने- सुनने वाले को बच्चों के साथ कुछ देर के लिए बच्चे हो जाने को मजबूर करती है। स्कूल स्टॉफ में शामिल शिक्षक श्री अब्बास शाह अपनी बघवाड स्कूल में पोस्टिंग पर खुद को खुश नसीब मानते हैं। उनका कहना है पहली के बच्चे की बौद्धिक क्षमता इतनी है कि वह तीसरी कक्षा का पाठयक्रम आसानी से समझ लेता है। वह तीसरी क्लास में ही बैठता है।
नानू की नि: शुल्क सेवा


शिक्षक कोमल चंद बताते हैं सबसे बड़ी बात गाँव का युवक श्री नानू वर्मा प्रतिदिन नि: शुल्क निस्वार्थ सेवा कार्य करता है। गाँव के दानदाता बच्चों को आवश्यक पाठ्य सामग्री दान करते हैं। इतना ही नहीं, निर्माण कार्य में भी भरपूर सहयोग करते हैं। वे बड़े श्रद्धा भाव प्रकट करते हुए कहते हैं सन् 1953 से आज तक स्कूल को जितने भी प्रधान पाठक मिले, उनका आशीर्वाद परिसर में व्याप्त है।

उसी से हमे प्रेरणा मिलती है, अब तक के प्रधान पाठकों में सर्वश्री रामनारायण जोशी, श्री मदन सिंह पँवार, प्रभारी श्री जेपी ठाकुर, श्री राजेंद्र उपाध्याय ( राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त) , श्री एनपी लौवंशी शामिल हैं। श्री जोशी जी ने अपने कार्यकाल ( 1953 ) से गाँव में जो प्रभात फेरी निकालने की शुरुआत की थी, वह आज भी जारी है।

Leave a Comment

       होम        हरदा न्यूज        विडियो        ग्रुप मे जुड़े        इंस्टाग्राम